एलियंस का गोला खोजने के करीब पहुंचे हॉवर्ड के वैज्ञानिक, अलौकिक शक्तियों से बचने के लिए कर पाएंगे संधि?

वॉशिंगटन, अगस्त 26: हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के दो मशहूर वैज्ञानिक एवि लोएब और आमिर सिराज ने दावा किया है कि वो एलियंस की दुनिया खोजने के काफी करीब पहुंच गये हैं और अगर सबकुछ सही रहा, तो बहुत जल्द वो गैलेक्सी में मौजूद एलियंस के ग्रह का पता लगा लगें। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का ये दावा काफी बड़ा माना जा रहा है, क्योंकि कई वैज्ञानिक लगातार हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एवि लोएब के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि एवि लोएब को ऐसे प्रोजेक्ट पर काम नहीं करना चाहिए, जिससे पृथ्वी के लिए खतरा उत्पन्न हो जाए। वैज्ञानिकों का दावा हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के

वैज्ञानिकों ने एक नए स्टडी के बाद दावा किया है कि ऊर्ट क्लाउड में ‘अलौकिक शक्तियों’ का घर हो सकता है। आपको बता दें कि ऊर्ट क्लाउट हमारे सौर मंडल की सबसे दूरी पर मौजूद एक बहुत बड़े मलबे का खोल है जो हमारे सौर मंडल में मौजूद कई तारों के बीच में मौजूद है। वैज्ञानिकों का ये रिसर्च ‘रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के मासिक नोटिस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इससे पहले 2019 में खगोलविदों ने हमारी पृथ्वी के पिछले हिस्से में कई अविश्वसनी घटनाओं को घटते देखा था और एक खतरनाक धूमकेतु को भी वैज्ञानिकों ने खोजा था। किस तरह का है मेहमान, पता नहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि ऊर्ट

क्लाउट में ऐसे लक्षण मिले हैं, जिससे पता चलता है वहां अलौकिक शक्तियां मौजूद हो सकती हैं, लेकिन अभी आखिरी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है। वहीं, पृथ्वी के पीछे जो खतरनाक धूमकेतु बर्फीला स्नोबॉल वैज्ञानिकों ने खोजा था, उसकी रफ्तार एक लाख 10 हजार मील प्रति घंटे की थी और इंसानों के द्वारा खोजा गया वो पहला इंटरस्टेलर था, जिसे वैज्ञानिकों ने बोरिसोव नाम दिया था। अध्ययन में खगोल भौतिकी केंद्र में खगोलविद अमीर सिराज और एवी लोएब ने इसके ऊपर रिसर्च किया है। हार्वर्ड और स्मिथसोनियन (सीएफए) ने नई गणना के आधार पर कहा है कि ऊर्ट क्लाउड हमारे सौर मंडल से संबंधित वस्तुओं

की तुलना में ऐसा स्थान हो सकता है, जहां ज्यादा से ज्यादा अलौकिक शक्तियां मौजूद हो सकती हैं या घूमने जा सकती हैं। वैज्ञानिक सिराज ने क्या कहा ? अपनी रिसर्च के आधार पर वैज्ञानिक आमिर सिराज ने कहा कि, ”पहले इंटरस्टेलर धूमकेतु का पता लगाने से पहले हमें नहीं पता था कि हमारे सौर मंडल में कितनी इंटरस्टेलर वस्तुएं हो सकती हैं। लेकिन ग्रह प्रणालियों के गठन पर सिद्धांत बताता है कि स्थायी निवासियों की तुलना में कम आगंतुक होने चाहिए।” वैज्ञानिक सिराज ने कहा कि, ”हमे पता चल रहा है कि उस जगह पर काफी ज्यादा अलौकिक शक्तियां मौजूद हो सकती हैं”। वैज्ञानिक सिराज ने बताया कि

बोरिसोव के निष्कर्षों का इस्तेमाल करके की गई गणना में महत्वपूर्ण अनिश्चितताएं शामिल हैं। लेकिन इन पर ध्यान देने के बाद भी इंटरस्टेलर विजिटर उन वस्तुओं पर हावी हो जाते हैं, जो सौर मंडल के मूल निवासी हैं। देखने की नहीं है तकनीक वैज्ञानिक आमिर सिराज ने अपनी स्टडी में कहा है कि ऊर्ट क्लाउड हमारी पृथ्वी से करीब 200 अरब

से एक हजार अरब मील के क्षेत्र में फैला हुआ है और सितारों के विपरीत ऊर्ट क्लाउड खुद से रोशनी उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होती हैं, लिहाजा हमारे पास अभी ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं है, जिससे हम उन्हें देख सकें। उन्होंने कहा कि ‘हम ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें देखने में सक्षम हो जाएं साथ ही हमारी कोशिश उनसे संपर्क साधने की है। अगर हम संपर्क साथ पाने में कामयाब हो जाते है तो हमारी दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी’ अलौकिक शक्तियों से समझौता वहीं, प्रोफेसर एवि लोएब ने ‘साइंटिफिक अमेरिकन’ कहा है कि हमें उन अलौकिकत सभ्यताओं के समझौता करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, जो हमारे मुकाबले काफी ज्यादा शक्तिशाली और उन्नत हैं। प्रोफेसर एवि लोएब ने कहा कि अलौकिक सभ्यता के पास काफी खतरनाक हथियार बनाने की शक्ति है जो किसी पार्टिकिल या किसी ऊर्जा के जरिए अंतरिक्ष से धरती पर भेज सकते हैं। उनके पास इतनी ज्यादा शक्ति हो सकती है कि वो पूरी धरती और पूरी कायनात को जलाने के लिए काफी साबित हो सकते हैं। प्रोफेसर एवि लोएब ने

अपनी किताब में लिखा है कि ‘दुर्भाग्यवश बुरी खबर ये है कि हमारे पास ऐसी क्षमता नहीं है जिससे हम उनकी चाल को पकड़ सकें और वो भी हमें कोई एडवांस चेतावनी नहीं भेज रहे हैं और अगर हमें किसी संकेत के जरिए हमें चेतावनी भेजता भी है तो उसकी गति प्रकाश की गति से तेज नहीं हो सकती है, जिससे हमें चेतावनी मिल सके।’ हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने ब्रह्मांड को बचाने के लिए और ब्रह्मांड के पूरे वातावरण को बचाने के लिए एक सॉल्यूशन जरूर दिया है। ब्रह्मांड को कैसे बचाएं ? प्रोफेसर एवि लोएब ने अलौकिक सभ्यताओं के साथ समझौते के लिए जो तरीका सुझाया है, वो समझौता प्रस्ताव करीब करीब अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के समान ही है, जिसपर 1963 में अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ की सरकारों ने हस्ताक्षर कर किए थे। प्रोफेसर एवि लोएब के मुताबिक इंसान इस गाइडलाइंस का इस्तेमाल कर हमारी आकाशगंगा में मौजूद दूसरी काफी उन्नत सभ्यता से संपर्क स्थापित कर ब्रह्मांड में आने वाली किसी तबाही को रोक सकता है। लंबे वक्त से चल रहा है रिसर्च

आपको बता दें कि प्रोफेसर लोएब कैम्ब्रीज के मैसाचुएट्स में स्थिति लीग कॉलेज में काफी लंबे वक्त तक अपनी सेवा दे चुके हैं और उन्होंने 2017 में एलियंस के धरती पर आने का दावा कर पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था। वहीं, अब इस बात की काफी संभावना जताई जा रही है कि प्रोफेसर एवि लोएब एलियंस या फिर किसी उन्नत सभ्यता से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर प्रोफेसर लोएब शायद यह जान गये हैं कि धरती से बाहर किसी उन्नत सभ्यता के पास काफी

शक्तिशाली मशीन मौजूद हैं। ‘साइंटिफिक अमेरिका’ में किया दावा प्रोफेसर एवि लोएब ने ‘साइंटिफिक अमेरिका’ में लिखे अपने लेख में लिखा किया है कि ‘कल्पना कीजिए कि ब्रह्मांड में कहीं एक उन्नत सभ्यता है, जिसने काफी तेज गति का इलेक्ट्रॉन विकसित कर लिया है जो प्लैंक ऊर्जा पर इलेक्ट्रॉन का टकराव करवाने में सक्षम है, जहां पर गुरुत्वाकर्षण को यांत्रिक ऊर्जा के तौर पर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टिकिल एक्सलेटल इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किसी दूसरे पार्टिकिल को शूट करने के लिए करता है, और ये एक्शन काफी ज्यादा तेज रफ्तार में अंजाम दिया जाता है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों

का मत है कि इसका इस्तेमाल डार्क थ्योरो की समझने और टाइम ट्रैवल करने के लिए किया जाता है। कैसे हमला कर सकती है अलौकिक शक्ति? वैज्ञानिक लोब ने बताया कि यह संभव है कि भविष्य में एक अनंत दुनिया हमारी तरफ से एक पार्टिकल भेजे। यह एक बुलबुले का तरह होगा, जिसमें अनंत उर्जा होगी। इस एनर्जी को डार्क एनर्जी कहा जा सकता है, क्योंकि इसका नेचर बहुत ही विध्वंसक होगा। उर्जा का यह बुलबुला प्रकाश की रफ्तार से आगे बढ़ेगा और अपने रास्ते में आने वाले हर एक चीज को तबाह कर देगा। अगर धरती भी इसके दायरे में आ जाती है तो हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। भविष्य की ऐसी किसी घटना से मानवता और धरती को बचाने के लिए उन्होंने एक समझौता करने की सलाह दी है जिसे ‘Planck Collider Treaty’ कहते हैं. जिस तरह हम न्यूक्लियर टेस्ट बैन का समझौता करते हैं, प्लैंक समझौता की शर्तें कुछ उसी तरह की होंगी। डॉ लोब ने कहा

कि इस तरह का समझौता हमें गैलेक्सी और मिल्की वेब के के अन्य सदस्यों के साथ करना होगा। किताब में सनसनीखेज दावे डॉक्टर लोब दुनिया के उनलोगों की जमात में शामिल हैं, जिनका मानना है कि दुनिया में और भी शभ्यताएं मौजूद हैं। खासकर 2017 में Oumuama के सामने आने के बाद से यह धारण प्रबल हो गई है। हाल ही में उन्होंने ‘Extraterrestrial: The First Sign of Intelligent Life Beyond Earth’ नाम से एक किताब पब्लिश की है। इस किताब में उन्होंने Oumuama को क्षुद्रग्रह की तरह नहीं माना है। उनके कॉन्सेप्ट के हिसाब से Oumuama एक मशीन की तरह है जो अंतरिक्ष जाने

के लिए बना है। जनवरी 2021 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि था कि Oumuama को सूरत की किरणों से उर्जा मिलती है। क्या वास्तव में होते हैं एलियंस ? प्रोफेसल लोएब के 2017 में किए गये दावे से हालांकि विश्व के ज्यादातर वैज्ञानिक सहमत नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि वैज्ञानिकों का सहमत नहीं होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जब गैलीलियो ने पहली बार कहा था कि धरती ब्रह्मांड का केन्द्र नहीं है तो उन्हें भी सजा दी गई थी। आपको बता दें कि कुछ समय पहले इजरायल स्पेस सिक्योरिटी एजेंस के पूर्व प्रमुख हैम इशद ने भी दावा किया था कि एलियन वास्तव में हैं

और इजरायल और अमेरिका कई सालों से एलियंस से संपर्क में हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि एलियंस ने ही अपनी मौजूदगी की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की सलाह दी थी।

 

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