एलियंस और उड़न तश्तरियों पर अमेरिका में सीक्रेट रिपोर्ट जारी, किए गये कई रहस्यमयी दावे

वॉशिंगटन, जून 26: अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने आखिरकार एलियंस और यूएफओ को लेकर बहुप्रतिक्षित रिपोर्ट पेश कर दी है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में एलियंस और यूएफओ को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए गये हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में यूएस नौसेना का एलियंस से सामना समेत अमेरिकी आसमान में दिखाई देने वाले तमाम यूएफओ को लेकर रिपोर्ट पेश की गई है। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें सवालों के जवाब मिलने चाहिए थे। लेकिन, आश्चर्य की बात ये है कि जवाब तो ज्यादा नहीं मिले हैं, बल्कि कई नये सवाल खड़े हो गये हैं। इस खुफिया रिपोर्ट में पहली बार अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि यूएफओ अमेरिका में देखे गये थे और यूएस नेवी का एलियंस से सामना हुआ था।
रिपोर्ट में यूएफओ पर क्या है? अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 144 अलग अलग मामलों का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया है, जिनमें आकाश में होने वाली दर्जनों अज्ञात घटनाएं शामिल हैं। लेकिन, जांच के दौरान जांचकर्रताओं को अलौकिक शक्तियों से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला। इन तमाम अज्ञात आकाशीय घटनाओं का अध्ययन करने के बाद जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की आकाश में होने वाली घटनाएं संभवत: टेक्नोलॉजी का बेहद एडवांस नमूना है और शायद अमेरिका के खिलाफ रूस या चीन द्वारा की गई कोई साजिश होगी। अमेरिकी रक्षामंत्रालय की तरफ से इस रिपोर्ट के एक हिस्से में कहा गया है कि यूएस नेवी ने सैन्य अभ्यास के दौरान जो यूएपी देखा, हम हाई टेक्नोलॉजी के साथ उसकी पहचान करने में सक्षम हुए हैं। खास बात ये है कि पेंटागन ने इसे यूएपी कहा है, ना किए यूएफओ। गोपनीय रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है कि यूएस नेवी ने जो समुद्र के अंदर यूएपी देखा था वो एक बहुत बड़ा हाई टेक्नोलॉजी से लैस गुब्बारा हो सकता है।

कन्फ्यूजन से भरा गोपनीय रिपोर्ट अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने जो रिपोर्ट पेश की है उसे पढ़ने के बाद जानकारियां कम, बल्कि कन्फ्यूजन ज्यादा पैदा हो रहे हैं। क्योंकि, खुफिया एजेंसी ने ये तो कह दिया है की यूएस नेवी के सामने हाई टेक्नोलॉजी गुब्बारा आया था, लेकिन सवाल ये था कि आखिर यूएस नेवी उस गुब्बारे को खोज क्यों नहीं पाई? बेहद एडवांस रडार भी आखिरकार गुब्बारे को क्यों पकड़ नहीं पाया? वहीं, रिपोर्ट को लेकर खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘हमनें 144 अलग अलग घटनाओं का विस्तृत अध्ययन किया है, लेकिन, हमें कोई अलौकिक शक्ति के बारे में पता नहीं चला है। लेकिन, हमारी जांच में ये भी पता चला है कि जो भी ऑब्जेक्ट्स आकाश में दिखे हैं, वो असलियत हैं और हमें अभी भी उसके बारे में जानकारी नहीं है।’ अधिकारी ने कहा कि, “हम पूरी तरह से मानते हैं कि हम जो देख रहे हैं वह केवल सेंसर आर्टिफैक्ट

नहीं हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो भौतिक रूप से मौजूद हैं।” रिपोर्ट की गई घटनाओं में से 80 में कई सेंसर से डेटा शामिल था। 11 मामलों में, पायलटों ने इन ‘अजीब’ वस्तुओं के साथ बेहद करीब होने और एक तरह से टक्कर से बाल बाल बचने की जानकारी दी थी। असामान्य घटनाओं से स्तब्ध जांचकर्ता एक तरफ जांचकर्ता कह रहे हैं कि उन्हें जांच के दौरान अलौकिक शक्ति का अहसास नहीं हुए, लेकिन आगे जांचकर्ता कहते हैं कि उन्होंने जो जांच किया है, वो काफी कम है और इन मामलों की काफी बृहत जांच होनी चाहिए। अमेरिकी आसमान में जो चीजें दिखाई दी हैं, उनकी पहचान के लिए

और ज्यादा काम करने की जरूरत है। जांचकर्ताओं ने कहा है कि ‘अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना यानि यूएपी को लेकर हमारे पास जो रिपोर्ट हैं, वो सीमित मात्रा में हैं। और हम उसके बारे में सारी चीजें बताने में सक्षम साबित नहीं हो पा रहे हैं।’ इस रिपोर्ट के मुताबिक जांचकर्ताओं को विशेष रूप से सीमित संख्या में घटनाओं के होने से हैरान थे। जांचकर्ताओं ने माना है कि ‘आसमान में जो अलग अलग वस्तुएं दिखाई दी हैं, उनकी उड़ान असीमित थी और उनमें काफी असमान्य विशेषताएं थीं। लिहाजा उनके बारे में काफी ज्यादा जानकारियां जुटाने की जरूरत है।’ हालांकि, जांचकर्ताओं ने इसे अमेरिका की सुरक्षा, फ्लाइट्स और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा जरूर बताया है। अमेरिका की सुरक्षा को खतरा अमेरिकी जांचकर्ताओं ने न्यूयॉर्क समेत अमेरिका में कई जगह दिखाई देने वाले यूएफओ को अलौकिक शक्ति मानने से इनकार करते हुए उन्हें बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी माना है। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि जिन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने की बाद रिपोर्ट में की गई है, उसका अभी तक हमारी धरती पर इजाद ही नहीं हुआ है। जिसको लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हो सकता है चीन या रूस ने वो टेक्नोलॉजी बना ली हो’। वहीं, रिपोर्ट में आसमान में उड़ने वाली अज्ञात चीजों से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ये अज्ञात वस्तुएं खतरा बन सकती हैं।’ खुफिया रिपोर्ट पर अधिकारियों में मतभेद अमेरिकी अखबार सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस रिपोर्ट को तैयार करने में अधिकारियों के बीच काफी मतभेद उभर कर सामने आए हैं। अमेरिका की सरकार के साथ साथ अमेरिकी अधिकारियों ने भी इस रिपोर्ट को काफी गंभीरता से लिया है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट तैयार करने के दौरान

अधिकारियों के बीच कई बार झगड़े जैसा माहौल बन गया था। रिपोर्ट में इस बात की चिंता जताई गई है कि क्या चीन या रूस कोई बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं? और क्या अमेरिका को एडवांस टेक्नोलॉजी को लेकर कोई जानकारी ही नहीं है। अमेरिका की खुफिया विभाग ने इस रिपोर्ट में ये भी माना है कि ये रिपोर्ट पहला और आखिरी रिपोर्ट नहीं है, बल्कि हमें अभी काफी काम करने की जरूरत है। रिपोर्ट में जवाब से ज्यादा सवाल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक जिन अमेरिकी सांसदों ने इस रिपोर्ट को देखा है, उन्होंने इसपर कई सवाल उठाए हैं। अमेरिकी सांसदों का कहना है कि

इस रिपोर्ट में कई सवालों का जवाब ही नहीं है और जो जवाब हैं, वो भी सवाल की शक्ल में ही हैं। सीएनएन ने आधा दर्जन सुरक्षा अधिकारियों से बात की, जिन्होंने अमेरिका में अज्ञात वस्तुएं दिखने को बहुत बड़ा खतरा माना है। वहीं, अमेरिकन नेवी के कई उच्चाधिकारियों ने सांसदों को कहा है कि इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को गौर ही नहीं किया गया है और असलियत से इनकार कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने उनके द्वारा पेश की गई तथ्यों को सीरियस होकर नहीं लिया है, इसीलिए उन्होंने इसपर आधा-अधूरा रिपोर्ट तैयार किया है, जबकि असलियत इससे काफी अलग है। 20 साल में 120 घटनाएं आपको बता दें कि यूएस नेवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले 20 सालों में 120 से ज्यादा यूएफओ को उन्होंने रडार में डिटेक्ट किया है और सारे यूएफओं की गतिविधि इस पैटर्न में होती है कि उसे पकड़ना संभव नहीं हो पा रहा है।

यूएस नेवी ने कहा है कि यूएफओ की रफ्तार काफी ज्यादा होती है और उनमें अपनी दिशा बदलने की अविश्वसनीय शक्ति होती है, इसके अलावा वो किसी भी वक्त समुद्र के अंदर जा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘यूएस नेवी ने इस बात से भी इनकार नहीं किया है कि जिसे वो यूएफओ समझ रहे हैं वो चीन या रूस का हाइपरसोनिक हथियार हो सकते हैं, जिसे अमेरिकन नेवी पकड़ नहीं पा रही है’। आपको बता दें कि हाइपरसोनिक एयरक्राफ्ट या मिसाइल की रफ्तार 4 हजार मील प्रतिघंटे से ज्यादा हो सकती है, जिसे रडार में पकड़ पाना अभी संभव नहीं है।

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